| • competent legislature | |
| सक्षम: competent authority competent financial authority | |
| विधान-मंडल: legislature | |
सक्षम विधान-मंडल अंग्रेज़ी में
[ saksam vidhan-mamdal ]
सक्षम विधान-मंडल उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- (ट) सिक्किम राज्य में समाविष्ट राज्यक्षेत्र में या उसके किसी भाग में नियत दिन से ठीक पहले प्रवृत्त सभी विधियां वहाँ तब तक प्रवृत्त बनी रहेंगी जब तक किसी सक्षम विधान-मंडल या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा उनका संशोधन या निरसन नहीं कर दिया जाता है ;
- (3) खंड (2) की कोई बात-(क) राष्ट्रपति को इस संविधान के प्रारंभ से 1 [तीन वर्ष] की समाप्ति के पश्चात् किसी विधि का कोई अनुकूलन या उपांतरण करने के लिए सशक्त करने वाली, या (ख) किसी सक्षम विधान-मंडल या अन्य सक्षम प्राधिकारी को, राष्ट्रपति द्वारा उक्त खंड के अधीन अनुकूलित या उपांतरित किसी विधि का निरसन या संशोधन करने से रोकने वाली, नहीं समझी जाएगी।
- 372. विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन-(1) अनुच्छेद 395 में निर्दिष्ट अधिनियमितियों का इस संविधान द्वारा निरसन होने पर भी, किंतु इस संविधान के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले भारत के राज्यक्षेत्र में सभी प्रवृत्त विधि वहाँ तब तक प्रवृत्त बनी रहेगी जब तक किसी सक्षम विधान-मंडल या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा उसे परिवर्तित या निरसित या संशोधित नहीं कर दिया जाता है।
- 243ढ. विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना-इस भाग में किसी बात के होते हुए भी, संविधान (तिहत्तरवाँ संशोधन) अधिनियम, 1992 के प्रारंभ के ठीक पूर्व किसी राज्य में प्रवृत्त पंचायतों से संबंधित किसी विधि का कोई उपबंध, जो इस भाग के उपबंधों से असंगत है, जब तक सक्षम विधान-मंडल द्वारा या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा उसे संशोधित या निरसित नहीं कर दिया जाता है या जब तक ऐसे प्रारंभ से एक वर्ष समाप्त नहीं हो जाता है, इनमें से जो भी पहले हो, तब तक प्रवृत्त बना रहेगा:
- 1 [(2) राज्य के विधान-मंडल की शक्ति का प्रयोग करते हुए संसद द्वारा, अथवा राष्ट्रपति या खंड (1) के उपखंड (क) में निर्दिष्ट अन्य प्राधिकारी द्वारा, बनाई गई ऐसी विधि, जिसे संसद अथवा राष्ट्रपति या ऐसा अन्य प्राधिकारी अनुच्छेद 356 के अधीन की गई उद् घोषणा के अभाव में बनाने के लिए सक्षम नहीं होता, उद् घोषणा के प्रवर्तन में न रहने के पश्चात् तब तक प्रवृत्त बनी रहेगी जब तक सक्षम विधान-मंडल या अन्य प्राधिकारी द्वारा उसका परिवर्तन या निरसन या संशोधन नहीं कर दिया जाता है।
